कोरोना वायरस से हो सकता हैं बहरेपन का खतरा

कोरोना वायरस से हो सकता हैं बहरेपन का खतरा

Newspoint24.com/newsdesk/

ब्रिटेन में यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों ने इस संबंध में एक अध्ययन के जरिए बताया है कि कोरोना वायरस संक्रमण से बहरेपन का भी खतरा हो सकता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, इस संक्रमण के कारण बहरेपन की समस्या के प्रति जागरुकता बहुत जरूरी है, क्योंकि इसकी जल्दी पहचान करना और तत्काल इलाज करना जरूरी होगा।

हालांकि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण बहरे होने वाले लोगों की संख्या बहुत कम है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, कोरोना संक्रमण से बहरेपन के पीछे कारण स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन फ्लू जैसे वायरल संक्रमण के बाद भी इसी प्रकार की समस्या होती है। ब्रिटेन में इस तरह का यह पहला मामला है, जबकि अन्य देशों में भी इसी तरह के मामले सामने आ चुके हैं।

‘बीएमजे केस रिपोर्ट्स’ पत्रिका में प्रकाशित अनुसंधान में 45 वर्षीय एक ऐसे व्यक्ति का जिक्र किया गया है, जो अस्थमा का मरीज है। कोरोना वायरस से गंभीर रूप से संक्रमित होने के बाद अचानक उसकी श्रवण क्षमता यानी सुनने की शक्ति नष्ट हो गई। उस व्यक्ति को संक्रमण से पहले से श्रवण संबंधी कोई अन्य समस्या नहीं थी। उसे स्टेरॉयड की गोलियां और टीके लगाए गए, जिसके बाद उसकी श्रवण क्षमता आंशिक रूप से लौट गई।

इस अध्ययन की सह-लेखक डॉ. स्टेफनिया कोम्पा ने कहा कि अभी तक यह ज्ञात नहीं है कि कोविड के कारण श्रवण शक्ति क्यों प्रभावित हुई। यह संभव है कि सार्स कोव-2 वायरस कान की आंतरिक कोशिकाओं में पहुंच कर उसे डैमेज करता है और साइटोकिन्स जैसे रसायन छोड़ने पर मजबूर करता हो। ये रसायन आंतरिक कान के लिए विषाक्त हो सकते हैं। 

अध्ययन में शोधकर्ताओं ने कहा, “बड़ी संख्या में लोगों के संक्रमित होने के कारण बहरेपन की समस्या को लेकर और अनुसंधान करने की आवश्यकता है, ताकि इस समस्या का पता लगाकर उसका उपचार किया जा सके।” शोधकर्ताओं का कहना है कि कोविड के गंभीर संक्रमण वाले मरीजों से उनकी श्रवण क्षमता के बारे में भी पूछा जाना जरूरी है। अगर उन्हें दिक्कत हो तो तत्काल उपचार शुरू करना चाहिए। 

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