कोचिंग में जाने वाले खिलाड़ियों के लिए कोचिंग एजुकेशन नयी दिशा: विक्रम

कोचिंग में जाने वाले खिलाड़ियों के लिए कोचिंग एजुकेशन नयी दिशा: विक्रम

Newspoint24.com/newsdesk/

नयी दिल्ली । भारतीय पुरुष हॉकी टीम के पूर्व खिलाड़ी विक्रम कांत ने कहा कि कोचिंग में अपना करियर बनाने वाले खिलाड़ियों के लिए हॉकी इंडिया का कोचिंग एजुकेशन कार्य़क्रम नयी दिशा है।

विक्रम ने हॉकी इंडिया कोचिंग कार्यक्रम के मूल स्तर, लेवल 1 और लेवल 2 को पूरा किया है। उन्होंने एफआईएच लेवल 1 और 2 का सर्टिफिकेशन भी पूरा किया है।

विक्रम ने कहा, “कोचिंग हमेशा मेरे दिमाग में थी। मेरा अंतरराष्ट्रीय करियर खत्म होने बाद भी मैं युवा खिलाड़ियों के साथ समय बिताना पसंद करता था। लेकिन जब हॉकी इंडिया ने यह कार्यक्रम की शुरुआत की तो मुझे लगा कि मुझे इसे करना चाहिए। हॉकी इंडिया कोचिंग एजुकेशन से मुझे कोचिंग में जाने और सही प्रक्रिया करने तथा कोचिंग समझने के लिए नयी दिशा मिली। यह मेरे लिए नया है और मैंने इसका आनंद लिया।”

पूर्व खिलाड़ी ने कहा, “भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के पूर्व ट्रेनी के तौर पर मुझे जब भी युवा खिलाड़ियों का मागदर्शन करने का मौका मिला, मैंने किया। मैंने मेंटर के रुप में भी अपने कार्य का आनंद लिया और युवा खिलाड़ियों को सही दिशा दिखायी तथा अपने अंतरराष्ट्रीय करियर से सीख लेकर सही तकनीक बतायी। इसका उद्देश्य एक ही था कि यह खिलाड़ी वो गलती नहीं करें जो हमने की थी।”

विक्रम की तरह कई अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ियों और देशभर से करीब 650 कोचों ने इस कार्यक्रम में दाखिला लिया है और इससे इन्हें फायदा पहुंचा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य कोचों को विश्व स्तर के कोच के रुप में विकसित करना है।

2007 में सुल्तान अजलान शाह कप से अंतरराष्ट्रीय पदार्पण करने वाले विक्रम ने कहा, “जब मैंने मूल स्तर और लेवल 1 शुरु किया तो मुझे समझ आया कि कोचिंग पूरी तरह से अलग है। इस दौरान हमें एक खिलाड़ी के बजाय कोच की तरह सोचने के लिए सिखाया गया था, खासकर जब आप एक टीम को कोचिंग दे रहे हैं। यह मेरा पहला कदम था। मूल स्तर में खिलाड़ियों को कैसे पहचाने यह भी एक पहलू था।”

भारत के लिए 2007 से 2014 तक डिफेंडर के रूप में खेलने वाले विक्रम ने कहा, “लेवल 2 कोचिंग कोर्स में यह तकनीकी कोर्स था। इसमें शारीरिक फिटनेस, वीडियो विश्लेषण और अंडर -12, 14 जैसी युवा टीम की कोचिंग शामिल था जबकि एफआईएच लेवल 1 और 2 में फिटनेस, खेल विश्लेषण, चोटिल होने से बचना और रिहेब शामिल था तथा इसमें अंडर-21 आयु वर्ग के खिलाड़ियों को कोचिंग देने पर ध्यान केंद्रित था।”

विक्रम ने कहा, “मैं देश के लिए जूनियर स्टेट टीम का कोच बनना चाहता हूं। मुझे अभी भी प्रतिस्पर्धात्मक हॉकी खेलने और घरेलू प्रतियोगिताओं में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड का प्रतिनिधित्व करने में आनंद आता है लेकिन हॉकी इंडिया कोचिंग कार्यक्रम ने मुझे इसमें भविष्य बनाने के लिए नयी दिशा दी है।”

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