कानपुर एनकाउंटर मामले में चौबेपुर एसओ विनय तिवारी निलंबित, भूमिका पर उठे सवाल

कानपुर एनकाउंटर मामले में चौबेपुर एसओ विनय तिवारी निलंबित, भूमिका पर उठे सवाल

Newspoint24.com/newsdesk/

कानपुर | उत्तर प्रदेश के कानपुर मुठभेड़ में चौबेपुर एसओ विनय तिवारी की भूमिका पर सवाल उठ रहे थे। इन्हें आईजी रेंज कानपुर ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। एसटीएफ की एक टीम विनय से मुठभेड़ के संबंध में पूछताछ भी कर रही है।

कानपुर के चौबेपुर के प्रभारी रहे विनय तिवारी को विकास दुबे के घर पर दबिश में शिथिलता बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। एसटीएफ ने विनय तिवारी को हिरासत में लिया है। जांच में दोषी मिलने पर तिवारी को निलंबित किया गया है। इस मामले में संदिग्ध भूमिका मिलने पर विनय तिवारी के खिलाफ भी केस दर्ज होगा। चौबेपुर के थानाध्यक्ष विनय तिवारी को निलंबित किए जाने के बाद वहां के थानाध्यक्ष का चार्ज पुष्पराज सिंह को दिया गया है।

पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) मोहित अग्रवाल का कहना है कि यदि किसी की भी इस मामले में संलिप्तता पाई गई तो उसकी बर्खास्तगी भी होगी और गिरफ्तारी भी की जाएगी। विकास दुबे के मकान गिराए जाने पर आईजी ने कहा कि ग्रामीणों का कहना है कि विकास दुबे ने अनाधिकृत रूप से जमीन को कब्जा करके अवैध रूप से मकान बना रखा था। ग्रामीणों में जिसको लेकर काफी आक्रोश था। जिसको लेकर संबंधित विभागीय द्वारा कार्रवाई की जा रही है।

सूत्र बताते हैं कि पुलिस टीम के विकास दुबे के घर पर दबिश की तैयारी को लेकर चौबेपुर थानाध्यक्ष रहे विनय तिवारी की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। बुधवार को राहुल तिवारी की शिकायत पर थानाध्यक्ष विकास दुबे के गांव बिकारू गए थे और बताया जा रहा है कि विनय तिवारी की मौजूदगी में ही विकास दुबे ने राहुल तिवारी को पीटा था। विनय तिवारी ने जब बीच-बचाव का प्रयास किया तो उनका मोबाइल छीनकर विकास दुबे ने उनके साथ अभद्रता की। एसओ ने उससे पूछताछ की। जिसके चलते दोनों के बीच झड़प हुई। विकास और एसओ के बीच हाथापाई भी हो गई थी जिसके बाद पुलिस लौट आई। इसके बाद गुरुवार को पुलिस ने राहुल तिवारी की तहरीर पर एफआईआर दर्ज कर ली और उसके बाद विकास को पकड़ने के लिए सीओ बिल्हौर के नेतृत्व में दबिश के लिए अपरेशन तैयार किया गया।

पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) हितेश चंद्र अवस्थी ने कहा कि बदमाशों को पुलिस के दबिश देने आने की जानकारी पहले से थी। यह सूचना पुलिस से अथवा किसी अन्य स्रोत से लीक हुई, इन सभी बिंदुओं पर गहनता से जांच कराई जा रही है।

ज्ञात हो कि कानपुर के चौबेपुर में दबिश देने गई पुलिस टीम पर हमला करने के बाद सीओ सहित आठ की हत्या के बाद दुदार्ंत अपराधी विकास दुबे भले ही फरार है, लेकिन उसपर शिकंजा कसता जा रहा है। मुख्यमंत्री के निर्देष के बाद डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी के साथ एडीजी लॉ एंड अर्डर प्रशांत कुमार तथा आइजी एसटीएफ के कानपुर में कैंप करने से कार्रवाई भी गति पकड़ चुकी है।

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