संघ प्रमुख का आह्वान- स्वयंसवेक आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन की चुनौती को स्वीकारें

संघ प्रमुख का आह्वान- स्वयंसवेक आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन की चुनौती को स्वीकारें
संघ प्रमुख का आह्वान- स्वयंसवेक आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन की चुनौती को स्वीकारें

गजियाबाद । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की पश्चिमी उत्तर प्रदेश क्षेत्र की बैठक में पर्यावरण संरक्षण व वैश्विक महामारी कोरोना के कारण बदलते परिवेश में स्वयंसेवकों को और अधिक गंभीरता व जिम्मेदारी के साथ कार्य करने का आह्वान किया गया। संघ के सरसंघचालक डाॅ. मोहन भागवत ने कहा कि कोरोना के कारण सामाजिक परिवेश में परिवर्तन आया है। इस बदलते परिवेश में स्वयंसेवकों को अपनी कार्य भूमिका बदलने की आवश्यकता है। स्वयंसेवकों को आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन की चुनौती को स्वीकार करना चाहिए। कोरोना के कारण आॅनलाइन चल रही शाखाओं को खुले मैदानों में फिर से शुरू करने का निर्णय लिया गया।


आरएसएस के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की जाती है। इस बार कोरोना के कारण यह बैठक क्षेत्रवार हो रही है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश क्षेत्र की बैठक गाजियाबाद के नेहरू नगर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में हो रही है। बुधवार को बैठक में सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि सेवा के कार्यों को आगे बढ़ाते हुए स्वरोजगार, आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन को कार्य का आधार बनाना चाहिए। बैठक में कहा गया कि पानी को पैदा नहीं कर सकते, लेकिन बचा सकते हैं। वृक्षों को लगाया जा सकता है, इसलिए अधिकाधिक वृक्षारोपण करने और प्लास्टिक के उपयोग से बचने पर जोर दिया गया। बैठक में संघकार्य की वर्तमान स्थिति की समीक्षा के साथ आगामी कार्यक्रमों पर विचार किया गया। स्वदेशी, कुटुंप्रबोधन जैसे सामाजिक सरोकार के विषयों पर चिंतन किया गया।


खुले मैदानों में फिर से शाखा शुरू करने का निर्णय


कार्यकारी मंडल की बैठक में निर्णय लिया गया कि कोरोना के कारण आनलाइन व परिवार शाखाओं को अब अपने पूर्व स्वरूप में आना चाहिए। शाखाओं को कोरोना संबंधी सावधानियों के साथ शारीरिक दूरी बनाए रखते हुए खुले मैदानों में लगाने की बात की गई। राष्ट्भक्ति, सेवा, संस्कार की भावना मजबूत करने के लिए साप्ताहिक कुटुंब बैठकें प्रारंभ करने का आह्वान किया गया।
सरकार्यवाह सुरेश जोशी भैय्याजी ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण वर्तमान समय की मांग है। जब पर्यावरण संरक्षण का विषय आता है तो जल प्रबंधन, जल के दुरुपयोग की रोकथाम, प्लास्टिक उपयोग पर रोक जैसे जागरूकता अभियान चलाने होंगे। समाज में अधिक से अधिक वृक्षारोपण की अलख जगानी होगी। सभी प्रांतों ने अपने यहां चल रहे पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों व वृक्षारोपण अभियानों की जानकारी बैठक में दी। बैठक में कहा गया कि स्वदेशी निर्मित सामान के उपयोग से भारत को आर्थिक रूप से सशक्त करने की अवधारना को साकार किया जा सकता है। बैठक में इसलिए छोटे उद्योग, ग्रामीण कुटीर उद्योग का सहयोग करने की बात कही गई।


बैठक में यह लोग रहे उपस्थित


कार्यकारी मंडल की बैठक में सरसंघचालक मोहन भागवत, सरकार्यवाह सुरेश जोशी भैय्याजी, सहसरकार्यवाह दत्ताजी होसबले, डाॅ. कृष्ण गोपाल, डाॅ. मनमोहन वैद्य, मुकुंद, अखिल भारतीय अधिकारी सुरेश चंद्र, अखिल भारतीय प्रचारक प्रमुख राजकुमार मटाले सहित तीन प्रांतों के 20 प्रतिनिधि उपस्थित रहें। बैठक का समापन गुरुवार को होगा।
बैठक में दिया गया पर्यावरण बचाने का संदेश
आरएसएस की बैठक में पर्यावरण बचाने का संदेश दिया गया। कार्यक्रम के बैनर भी कपड़े बेस के बनाए गए है। पूरी व्यवस्था प्लास्टिक मुक्त रही। सज्जा पारंपरिक तरीके से तैयार रंगों से की गई।

संघ के उल्लेखनीय कार्य


मेरठ प्रांत: कोरोना संकट के समय मेरठ प्रांत के स्वयंसेवकों द्वारा 112943 राशन किट, 1974381 पैकेट भोजन का वितरण किया गया। लाॅकडाउन में 128652 मास्क, 10100 पैकेट काढ़ा, 48665 लीटर सेनेटाइजर का वितरण किया गया। 4132 घुमंतु जातियों के परिवारों को भी सहायता दी गई। 663 यूनिट रक्तदान स्वयंसेवकों ने किया। 224310 प्रवासी मजदूरों को स्वयंसेवकों ने सहायता पहुंचाई। इस पूरे सेवा कार्य में 6703 स्वयंसेवक लगें।


ब्रज प्रांत: कोरोना आपदा में रोजगार भारती ने आठ नवम्बर को रोजगार मेले का आयोजन किया। जिसमें स्वरोजगार उपलब्ध कराने वाली इकाइयां, बैंक अधिकारी व बेरोजगार युवक आए थे। मेले में आरएसएस के क्षेत्र संघचालक सूर्यप्रकाश टोंक, प्रांत प्रचारक हरीश, क्षेत्र सेवा प्रमुख गंगाराम, रोजगार भारती के संरक्षक पूरन डाबर उपस्थित रहे। रोजगार मेले में 1200 से अधिक युवाओं ने पंजीकरण कराया। कार्यक्रम में 40 से अधिक महिला उद्यमियों का सम्मान किया गया। 20 महिलाओं को रोजगार देने वाली 15 वर्षीय गार्गी को सम्मानित किया गया।
उत्तरांचल प्रांत: उत्तराखंड में संघ द्वारा 1167555 भोजन पैकेट, 68055 परिवारों को राशन वितरण किया गया। कोरोना से बचाव को 109252 मास्क, 15466 लीटर सेनेटाइजर का वितरण किया गया। उत्तराखंड में 422 यूनिट रक्तदान किया गया। संपूर्ण सहायता कार्य में 4226 स्वयंसेवक लगें।

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