बुआ ने भतीजे से मुँह मोड़ा , सपा को हराने के लिए भाजपा को भी सहयोग

बुआ ने भतीजे से मुँह मोड़ा , सपा को हराने के लिए भाजपा को भी सहयोग


बुआ ने भतीजे से मुँह मोड़ा , सपा को हराने के लिए भाजपा को भी सहयोग

पार्टी से बगावत करने वाले सात विधायकों को किया निलम्बित
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने राज्यसभा चुनाव को लेकर पार्टी उम्मीदवार का विरोध करने वाले और दल विरोधी गतिविधियों को लेकर सात विधायकों को निलम्बित कर दिया है। वहीं, मायावती ने समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव पर भी हमला बोला है। उन्होंने कहा कि अखिलेश की बुरी गति होगी। बसपा अब सपा को हराने के लिए जरूरी हुआ तो भाजपा या अन्य दल की भी मदद करेगी।

मायावती ने राज्यसभा चुनाव में पार्टी उम्मीदवार रामजी गौतम के प्रस्तावक के रूप में हस्ताक्षर करने वाले श्रावस्ती के भिनगा के विधायक असलम राईनी, हापुड़ के ढोलना से विधायक असलम अली, प्रयागराज के प्रतापपुर से विधायक मुजतबा सिद्दीकी तथा प्रयागराज के हंडिया से विधायक हाकिम लाल बिंद को पहले निलम्बित किया गया। वहीं अखिलेश यादव से मुलाकात करने वाले सीतापुर के सिधौली से विधायक हरगोविंद भार्गव, प्रतापगढ़ के मुंगरा बादशाहपुर से विधायक सुषमा पटेल तथा आजमगढ़ के सगड़ी से विधायक वंदना सिंह को निलम्बित कर दिया।

मायावती ने गुरुवार को कहा कि इस बार लोकसभा चुनाव में एनडीए को सत्ता में आने से रोकने के लिए हमारी पार्टी ने सपा सरकार में मेरी हत्या करने के षड्यंत्र की घटना को भूलाते हुए देश में संकीर्ण ताकतों को कमजोर करने के लिए सपा के साथ गठबंधन करके लोकसभा चुनाव लड़ा था। उन्होंने कहा कि सपा के मुखिया गठबंधन होने के पहले दिन से ही बसपा महासचिव एससी मिश्रा को ये कहते रहे कि अब तो गठबंधन हो गया है तो बहनजी को 2 जून, 1995 के मामले को भूला कर केस वापस ले लेना चाहिए, चुनाव के दौरान ​केस वापस लेना पड़ा।

उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार की बजाय सपा मुखिया मुकदमा वापसी कराने में लगे थे। 2003 में मुलायम ने बसपा तोड़ी उनकी बुरी गति हुई, अब अखिलेश ने यह काम किया है, उनकी बुरी गति होगी।

मायावती ने कहा कि लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद जब हमने समाजवादी पार्टी के व्यवहार को देखा, तभी समझ में आ गया कि हमने 2 जून 1995 के केस को वापस लेकर बड़ी गलती कर दी है। हमें उनके साथ हाथ नहीं मिलाना चाहिए था और इस संबंध में गहराई से सोचना चाहिए था।

उन्होंने कहा कि वहीं लोकसभा चुनाव के बाद सपा ने हमसे सम्पर्क बंद कर दिया और इसीलिए हमने अपना रास्ता बदल लिया है। उन्होंने कहा कि मैं इस बात का भी खुलासा करना चाहती हूं कि जब हमने उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए सपा के साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया तो हमने इसके लिए बहुत मेहनत की। लेकिन, जब से यह गठबंधन हुआ था तब से सपा प्रमुख की मंशा दिखने लगी थी।

मायावती ने कहा कि इसके साथ ही इनका एक और दलित विरोधी चेहरा हमें कल राज्यसभा के परचों के जांच के दौरान देखने को मिला। जिसमें सफल न होने पर ये ‘खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे’ की तरह पार्टी जबरदस्ती बसपा पर भाजपा के साथ सांठगांठ करके चुनाव लड़ने का गलत आरोप लगा रही है।

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि इसके साथ ही प्रदेश में आने वाले विधान परिषद के चुनाव में हम समाजवादी पार्टी के उम्मीवारों को बुरी तरह हराएंगे। इसके लिए हम तो अपनी पूरी ताकत झोंक देंगे। इसके लिए अगर हमें भाजपा या किसी अन्य पार्टी के उम्मीदवार को अपना वोट देना पड़े तो हम वो भी करेंगे।

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