विजयवर्गीय बोले मुख्यमंत्री के चेहरे के बिना भाजपा लड़ेगी बंगाल विधानसभा चुनाव में

विजयवर्गीय बोले मुख्यमंत्री के चेहरे के बिना भाजपा लड़ेगी बंगाल विधानसभा चुनाव में

Newspoint24.com/newsdesk/


कोलकाता । भारतीय जनता पार्टी पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों के लिए किसी को मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर पेश नहीं करेगी और तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ लड़ाई के लिए उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास के दांव पर भरोसा है। बंगाल के लिए पार्टी के रणनीतिकार व भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद दल अपने मुख्यमंत्री का चुनाव करेगा।


उल्लेखनीय है कि प्रदेश भाजपा में समीक्षा बैठक हो रही है। पिछले लॉक डाउन व गणेश चतुर्थी के कारण पिछले चार दिनों से बैठक स्थगित थी, लेकिन कल से फिर से समीक्षा बैठक शुरू होने की संभावना है। इस बैठक में पार्टी विधानसभा चुनाव की रणनीति बना रही है।
विजयवर्गीय ने कहा कि अभी के लिए यह तय किया गया है कि हम किसी को भी अपने मुख्यमंत्री चेहरे के तौर पर पेश नहीं करेंगे। हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे। एक बार सत्ता में आने के बाद विधायक दल केंद्रीय नेतृत्व से परामर्श के बाद मुख्यमंत्री के तौर पर अपनी पसंद का फैसला करेगा।

यह पूछने पर कि क्या पार्टी ने इसके लिए किसी नाम पर विचार किया है? उन्होंने कहा कि इसका जवाब तो समय के पास है। अभी हमारा लक्ष्य 294 सदस्यीय विधानसभा में 220-230 सीटें जीतना है और बहुमत से भाजपा की सरकार बनायेंगे। हम अपना लक्ष्य हासिल करेंगे, जैसा हमने लोकसभा चुनावों में किया था। मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर किसी को पेश करना कोई मुद्दा नहीं है। भाजपा ने 2016 का विधानसभा चुनाव भी मुख्यमंत्री उम्मीदवार के तौर पर बिना कोई चेहरा सामने रखे ही लड़ा था।

बीते चार वर्षों में हालांकि हावड़ा पुल के नीचे से काफी पानी बह चुका है और बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के लिए भाजपा प्रमुख चुनौती के तौर पर उभरी है। उसने परंपरागत विरोधी दलों- माकपा और कांग्रेस –को तीसरे और चौथे स्थानों पर पहुंचा दिया है। पार्टी ने पिछले साल बंगाल में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए प्रदेश की 42 में से 18 लोकसभा सीटें जीतकर राजनीतिक पंडितों को भी चौंका दिया था। उसे राज्य में 41 फीसद मत मिले थे और उसकी सीटें सत्ताधारी तृणमूल से सिर्फ चार कम थीं।

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