बिहार विधानसभा चुनाव : परिवार की राजनीतिक विरासत संभालने को तैयार नई फौज

बिहार विधानसभा चुनाव : परिवार की राजनीतिक विरासत संभालने को तैयार नई फौज

Newspoint24.com/newsdesk/


बेगूसराय । आम चुनाव में हमेशा कुछ नया करने वाले बेगूसराय में इस बार के विधानसभा चुनाव में भी नए बदलाव की बयार चल रही है। सबकुछ ठीकठाक रहा तो इस बार बेगूसराय जिले के सात में से कम से कम तीन-चार क्षेत्र में विरासत संभालने तीन-चार नए चेहरे चुनावी मैदान में होंगे। ये चेहरे पिता की लंबी राजनीतिक पारी का फायदा उठाएंगे और नया नेतृत्व भी जिले में दे सकेंगे।

यहां राजनीतिक विरासत के चुनाव लड़ने का इतिहास पुराना है। 1956 में मंत्री और राज्य के चर्चित कांग्रेस नेता रामचरित्र सिंह के पुत्र चंद्रशेखर सिंह ने बेगूसराय दक्षिण से उप चुनाव में जीत हासिल कर खूब चर्चा बटोरी थी। इसके बाद वह कई बार विधायक बने। बाद के दिनों में पूर्व विधायक सुखदेव महतो की पुत्रवधू कुमारी मंजू वर्मा और पूर्व सांसद चंद्रभानु देवी की बेटी अमिता भूषण ने विधायक बनकर विरासत की राजनीति को आगे बढ़ाया। राज्य की राजनीति में लालू प्रसाद और रामविलास पासवान द्वारा अपने पुत्रों को राजनीति में नेतृत्व देने के बाद बिहार की राजनीति में ऐसे लोग टिकट पाने की दौड़ में आगे चल रहे हैं।

हर दल से ऐसे विरासत संभालने वाले लोग टिकट की दावेदारी में लगे हैं। भाजपा, कांग्रेस, राजद और जदयू से ऐसे नेताओं की दावेदारी की जा रही है। जिले में साहेबपुर कमाल विधानसभा क्षेत्र से इस बार पूर्व मंत्री श्रीनारायण यादव के पुत्र सदानंद सम्बुद्ध उर्फ ललन यादव राजद के टिकट पर चुनाव मैदान में उतर सकते हैं। अधिक उम्र और स्वास्थ्य कारण से श्री नारायण यादव के चुनाव नहीं लड़ने की चर्चा है। अंदरखाने सारी तैयारी जोरों पर है और वे अपने पुत्र के लिए टिकट चाहते हैं।

बछवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से छह बार विधायक और समस्तीपुर के सांसद रह चुके विधायक रामदेव राय का निधन हो गया है। वे पिछले छह महीने से अपने पुत्र शिवप्रकाश उर्फ गरीब दास को राजनीति में उतारकर चुनाव लड़ाने की तैयारी में लगे थे। पार्टी इस चुनाव में उन्हें मैदान में उतारेगी। आलाकमान से स्वीकृति मिल चुकी है। उनके श्रद्धांजलि सभा में जुटे कांग्रेस के नेताओं ने ये संकेत भी दे दिए हैं। यदि बछवाड़ा कांग्रेस के कोटे में जाती है तो वे प्रबल दावेदार हैं।

सबसे चौंकाने वाली चर्चा चेरिया बरियारपुर विधानसभा सीट है। यहां से पूर्व मंत्री व समाजवादी नेता रामजीवन सिंह के पुत्र डॉ. राजीव नयन उर्फ पोलो के चुनाव लड़ने की चर्चा है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से हरी झंडी मिलने की चर्चा भी क्षेत्र में तेज हैं। सिंह इस क्षेत्र से पांच बार विधायक और बलिया से दो बार सांसद रह चुके हैं। राजद टिकट पर उनके पुत्र का चुनाव लड़ना इस क्षेत्र में नए समीकरण को जन्म देगा। चर्चा तो सीबीआई आर्म्स एक्ट के आरोपी विधायक मंंजू वर्मा के पुत्री के भी जदयू के टिकट पर चेरिया बरियारपुर से चुनाव लड़ने की है।

बेेगूूूूसराय नगर निगम के महापौर उपेन्द्र प्रसाद सिंह के पुत्र कुंदन कुमार बेगूसराय विधानसभा से भाजपा से टिकट लेने की दावेदारी में पहले स्थान पर हैं। इनके अलावा कई और नेताओं के पुत्र पिता की विरासत संभालने के लिए दलीय टिकट के जुगाड़ में हैं। पूर्व विधायक प्रमोद शर्मा के पुत्र, पूर्व सांसद भोला बाबू की बहू और पौत्र सहित कई ऐसे नाम हैं जो पार्टी टिकट के लिए सक्रिय हैं।
फिलहाल, देखना यह है कि कौन-कौन सी पार्टी, किन-किन युवाओं को परिवार की राजनीतिक विरासत संभालनेे के लिए चुनावी मैदान में उतारती है और कौन-कौन इस विरासत को आगे बढ़ा पाते हैं।

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