बिहार चुनाव : कांग्रेस का सोशल मीडिया पर ‘का किये हो’ अभियान, भाजपा-जदयू सरकार से मांगा हिसाब

बिहार चुनाव : कांग्रेस का सोशल मीडिया पर ‘का किये हो’ अभियान, भाजपा-जदयू सरकार से मांगा हिसाब

Newspoint24.com/newsdesk/

नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है तमाम राजनीतिकों दलों ने अपनी कोशिशों को और तेज कर दिया है। इसी क्रम में कांग्रेस पार्टी ने चुनाव प्रचार की अपनी मुहीम के तहत रैलियों-जनसभाओं के अलावा सोशल मीडिया पर भी मोर्चा संभाल लिया है। बिहार की जदयू-भाजपा गठबंधन सरकार की कमियां जनता तक लाने को लेकर कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर ‘का किये हो’ अभियान छेड़ रखा है। इसमें तमाम सरकारी वादे और दावे की हकीकत से जनता को रूबरू कराने का काम किया जा रहा है।

कांग्रेस पार्टी का कहना है कि बिहार की जनता नीतीश कुमार के कुशासन से प्रताड़ित है। ऐसे में बिहार के लोगों की आवाज उठाने के लिए कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर ‘का किये हो’ अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत जहां कांग्रेस की सोशल मीडिया टीम ने पोस्टर, बैनर, वीडियो के जरिए 15 साल के भाजपा-जदयू सरकार के कुशासन को उजागर करने की योजना बनाई है, वहीं 

कांग्रेस ने बिहार की वर्तमान सरकार के वादों का हवाला देते हुए सवाल किया है कि पिछले चुनाव में एक जुमला सुनाकर खूब हल्ला मचाया गया था कि हर घर बिजली पहुंचा कर उजाला लाएंगे। लेकिन हकीकत में हुआ क्या? लोग आज भी बिजली के इंतजार में आखें गड़ाए हुए हैं। इसी प्रकार बिहार में रोजगार पर ताला लगा। बेरोजगारी हद तक बढ़ी। नतीजतन राज्य के युवाओं को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा। इसीलिए बिहार के युवा पूछ रहे हैं- बताओ नीतीश बाबू, हमरे लिये का किये हो?

दूसरी ओर, कृषि कानूनों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार को घेरने वाली कांग्रेस ने बिहार की नीतीश कुमार सरकार को भी किसानों की अनदेखी को लेकर निशाने पर लिया है। कांग्रेस ने कहा है कि बिहार सरकार किसानों को उसकी फसल की कीमत नहीं दे पा रही है। अब अगर किसान की आमदनी भी जीरो कर देगी सरकार तो कैसे काम चलेगा। वहीं महिलाओं पर अत्याचार के मामलों में भी बिहार काफी आगे हैं। ऐसे में ये सरकार न तो जन सुरक्षा सुनिश्चित कर पा रही है और न ही रोजगार एवं फसल भुगतान के प्रति जिम्मेदार है। इन्ही सब बातों को लेकर बिहार के लोग सरकार से पूछ रहे हैं आखिर हमरे लिये ‘का किए हो?’

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