बार कौंसिल अध्यक्ष ने सीएम को घोषणा पत्र के वादे याद दिलाए

बार कौंसिल अध्यक्ष ने सीएम को घोषणा पत्र के वादे याद दिलाए

Newspoint24.com/newsdesk/

जोधपुर । बार कौंसिल ऑफ राजस्थान के अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिख कर विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के घोषणा पत्र में अधिवक्ताओं से किए गए वादों को लागू करने का आग्रह किया है। साथ ही अधिवक्ता कल्याण कोष (संशोधन) विधेयक-2020 को पुनर्विचार के लिए कौंसिल को लौटाने की मांग की है।

अध्यक्ष सैयद शाहिद हसन ने बताया कि उन्होंने 23 अक्टूबर को मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि कोरोना से राजस्थान के 30 से अधिक अधिवक्ताओं की मृत्यु हुई हैं व 500 से अधिक अधिवक्ता बीमार हुए हैं। बार कौंसिल ने कोरोना काल के दौरान अपने सीमित संसाधनों से 4 करोड़ रुपए की राशि करीब आठ हजार अधिवक्ताओं को सहायता स्वरूप प्रदान की है। यदि सरकार द्वारा समय पर बार कौंसिल के प्रस्तावों के अनुरूप संशोधित विधेयक पारित कर दिया जाता तो बार कौंसिल अधिवक्ताओं को अधिक राशि देने की स्थिति मे होती। अधिवक्ता कल्याण कोष अधिवक्ताओं द्वारा निर्मित कोष है। सरकार ने अभी तक इसमें कोई योगदान नहीं दिया हैं, जबकि जन घोषण पत्र में आनुपातिक योगदान देने का वादा किया गया था। हसन ने कहा कि अन्य वादों पर भी अभी तक कोई सकारात्मक बातचीत नहीं की गई हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना प्रकोप के दौरान हाईकोर्ट व अधीनस्थ अदालतों में नियमित कामकाज शुरू करने को लेकर बार कौंसिल और बार संघों के अनुरोध के मद्देनजर हाईकोर्ट प्रशासन ने उचित निर्णय लिया है, जिसके लिए उन्होंने आभार प्रकट किया।

कार्यकारिणी समिति की बैठक आयोजित

बार कौंसिल की कार्यकारिणी समिति की बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित हुई। समिति ने बार कौंसिल ऑफ राजस्थान एवं अधिवक्ता कल्याण कोष की अद्र्धवार्षिक 2019-2020 ऑडिट रिपोर्ट का अनुमोदन किया। समिति ने वित्तीय वर्ष 2020-2021 के लिए अंकेक्षक नियुक्त करने की स्वीकृति प्रदान की। अधिवक्ताओं से नाम परिवर्तन संबंधी आवेदन पत्रों पर विचार विमर्श कर उचित आदेश पारित किए गए। बार कौंसिल ऑफ इंडिया सर्टिफिकेट एंड प्लेस ऑफ प्रैक्टिस (वेरिफकेशन) रूल्स-2015 के तहत जिन अधिवक्ताओं के नवीनीकरण 1 जनवरी, 2020 से बकाया थे, उसकी अंतिम तिथि को बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दिया गया है।

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