एमनेस्टी इंटरनेशनल ने ग़ैरक़ानूनी तरीक़ों से फंड जुटाया : राठौर

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने ग़ैरक़ानूनी तरीक़ों से फंड जुटाया : राठौर

Newspoint24.com/newsdesk/

नयी दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा है की एमनेस्टी इंटरनेशनल ने ग़ैरक़ानूनी और संदेहास्पद तरीक़ों से नियमों के विपरीत जाकर विदेशों से फंड जुटाया है। उन्होंने कहा कि भारत में काम करना है तो सभी संस्थाओं को विदेशी फंडिंग के बारे में बताना होगा।
श्री राठौर ने एमनेस्टी इंटरनेशनल की ओर से भारत सरकार पर मनमानी करने के आरोपों को ख़ारिज करते हुए कहा कि
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने बीस साल पहले परमिशन लिया था, फिर कभी नहीं लिया।

उन्होंने कहा की “एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भारत सरकार पर आरोप लगाया है कि मानव अधिकार की उनकी रिपोर्ट के लिए सरकार बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है। ये सभी बातें सच्चाई से कोसो दूर हैं।”

श्री राठौर ने कहा कि छानबीन से बचने के लिए एमनेस्टी इंटरनेशनल ने चार संस्थाएं बनाईं। दस करोड़ के फंड की जांच हुई और पता चला कि संदेहास्पद स्रोत से पैसे आए हैं। उन्होंने कहा कि बाहर से आए पैसा छुपाने की कोशिश क्यों की जा रही है।एफसीआरए के नियमों को दरकिनार करने के लिए एमनेस्टी यूके ने भारत में पंजीकृत 4 संस्थाओं को बड़ी मात्रा में धनराशि देकर इसे एफडीआई के रूप में वर्गीकृत किया। इसके लिए अनुमति नहीं ली गयी इसलिए प्रवर्तन निदेशालय ने छानबीन की।

श्री राठौर ने कहा कि भारत में अल्पसंख्यकों के मानवअधिकारों के बारे में एमनेस्टी खूब बोलती है लेकिन पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार के बारे में कुछ नहीं कहती । उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन क़ानून के खिलाफ एमनेस्टी ने कैंपेन शुरू कर दिया कि ये भारतीय मुसलमानों के खिलाफ है। यूपीए सरकार के समय भी संसद में एमनेस्टी इंटरनेशनल की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कहा कि ये भारत में सबके लिए समान कानून है और सबसे ज्यादा मानवाधिकार का ध्यान रखा जाता है।

उन्होंने कहा कि कोई भी संस्था भारत में काम कर सकती है, एमनेस्टी का भी स्वागत है लेकिन देशी हो या विदेशी संस्था, सभी को भारत के कानून का पालन करना हीं होगा।

मानवअधिकारों लिए काम करने वाले संस्थान एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भारत में अपनी शाखा बंद कर दी है। संस्था ने केंद्र सरकार पर मनमाने तरीके से उसे निशाना बनाने का आरोप लगाया है। संस्था ने दावा किया कि उसके बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिए गए। जिससे उसे काम बंद करना पड़ा।

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