जर्मनी के साथ ‘एयर बबल’ विमान सेवा खटाई में

जर्मनी के साथ ‘एयर बबल’ विमान सेवा खटाई में

Newspoint24.com/newsdesk/

नयी दिल्ली । जर्मनी के साथ द्विपक्षीय समझौते के आधार पर जुलाई में शुरू की गई ‘एयर बबल’ विमान सेवा गुरुवार से बंद हो सकती है।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने जर्मनी की ओर से इस व्यवस्था के लिए मान्यता प्राप्त विमान सेवा कंपनी लुफ्थांसा की उड़ानों की संख्या घटाने का फैसला किया था जिसे एयरलाइन ने स्वीकार करने से मना कर दिया है। यदि सहमति नहीं बनी तो जर्मनी को जाने वाली उड़ानें बंद हो सकती हैं।

डीजीसीए ने एक बयान में बताया कि एयर बबल की व्यवस्था इसलिए शुरू की गई थी ताकि दोनों देशों के नागरिक एक-दूसरे के यहाँ आसानी से आ-जा सकें। लेकिन जर्मनी जाने की इच्छा रखने वाले भारतीयों के लिए यूरोपीय देश ने कई प्रकार के प्रतिबंध लगाये हुये हैं। विमानन नियामक ने कहा “इससे भारतीय विमान सेवा कंपनियों को नुकसान हो रहा था तथा लुफ्थांसा के पक्ष में यातायात असंतुलन पैदा हो गया था। भारतीय एयरलाइंस जहाँ सप्ताह में तीन-चार उड़ानें भर रही थीं, वहीं लुफ्थांसा सप्ताह में 20 उड़ानें भर रही थी।”

उसने बताया कि लुफ्थांसा को उड़ानों की संख्या घटाकर सप्ताह में सात करने का विकल्प दिया गया था जिसे उसने अस्वीकार कर दिया है। अभी बातचीत जारी है।

लुफ्थांसा ने भी एक बयान जारी कर भारतीय नियामक से अपील की है कि वह जर्मनी की सरकार के साथ मिलकर दोनों देशों के बीच अस्थायी यात्रा समझौता करे। एयरलाइंस ने कहा कि उसने 20 अक्टूबर तक की शिड्यूल उड़ानों की बुकिंग कर रखी है और उसे सितंबर की तरह ही अक्टूबर में भी विशेष शिड्यूल उड़ानों के परिचालन की अनुमति दी जाये। अचानक उड़ानें रद्द करने से यात्रियों को परेशानी होगी। उसने आरोप लगाया है कि भारत ने इस संबंध में बातचीत का जर्मन सरकार का प्रस्ताव ठुकरा दिया है।

‘एयर बबल’ के तहत लुफ्थांसा दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु से जर्मनी के लिए उड़ानों का परिचालन कर रही थी। अक्टूबर में उसने चेन्नई से भी उड़ान शुरू करने की योजना बनाई थी। उसके बयान में कहा गया है कि भारतीय बाजार और यहाँ के ग्राहकों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता काफी गहरी है।

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