एआईबीईए 14 खरब रुपये ऋण के विलफुल डिफाल्टर्स के नाम जारी करेगा

एआईबीईए 14 खरब रुपये ऋण के विलफुल डिफाल्टर्स के नाम जारी करेगा

Newspoint24.com/newsdesk/

चेन्नई । बैंकिंग क्षेत्र का एक प्रमुख यूनियन, ऑल इंडिया बैंक इंप्लाईज एसोसिएशन (एआईबीईए) जल्द ही 2,400 विलफुल डिफाल्टर्स की एक सूची जारी करेगा, जिनपर लगभग 140,000 करोड़ रुपये बकाया हैं।

एआईबीईए के महासचिव सी.एच. वेंकटाचलम ने कहा, “बैंक राष्ट्रीयकरण की 51वीं सालगिरह के जश्न के हिस्से के रूप में हम विलफुल बैंक ऋण डिफाल्टर्स की एक सूची जारी करेंगे। सूची में लगभग 2,400 लेनदारों के नाम होंगे, जिन्होंने बैंकों से पांच करोड़ रुपये और इससे अधिक का ऋण ले रखा है और बैंकों ने उन्हें विलफुल डिफाल्टर घोषित कर रखा है।”

वेंकटाचलम के अनुसार, बैंकिंग सेक्टर की गैर निष्पादित संपत्तियां(एनपीए) 2019 तक 739,541 करोड़ रुपये थीं।

वेंकटाचलम ने कहा कि विलफुल डिफाल्टर्स की सूची जारी करने के अलावा यूनियन एआईबीईए के फेसबुक पेज के जरिए 19 जुलाई को राष्ट्रीय वेबिनार आयोजन, क्षेत्रीय भाषाओं में ई-लीफलेट्स/पैंफलेट्स वितरण, शाखाओं पर पोस्टर डिस्प्ले, और 20 जुलाई, 2020 को प्रधानमंत्री से जन याचिका और बैज पहनने जैसे कार्यक्रम भी आयोजित करेगा।

उन्होंने कहा कि 19 जुलाई, 1969 को भारत सरकार ने 14 प्रमुख निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया था, और उसके बाद से इन बैंकों ने सामाजिक झुकाव के साथ एक नया रास्ता तैयार करना शुरू किया था।

वेंकटाचलम के अनुसार, बैंक शाखाओं की संख्या 1969 के 8,200 से बढ़कर आज 156,349 हो गई है। आज प्राथमिकता वाले क्षेत्र का ऋण 40 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीयकरण से पहले यह शून्य प्रतिशत था।

उन्होंने यह भी कहा कि जमा और एडवांसेस, जो जुलाई 1969 में क्रमश: 5,000 करोड़ रुपये और 3,500 करोड़ रुपये थे, आज बढ़कर 138.50 लाख करोड़ रुपये और 101.83 लाख करोड़ रुपये हो गए हैं।

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