अभिनेत्री को वाई प्लस सूरक्षा ,जयपुर बम ब्लास्ट के आरोपियों को सजा सुनाने वाले जज को जान का खतरा,सुरक्षा के लिये लगा रहे गुहार

अभिनेत्री को वाई प्लस सूरक्षा ,जयपुर बम ब्लास्ट के आरोपियों को सजा सुनाने वाले जज को जान का खतरा,सुरक्षा के लिये लगा रहे गुहार

Newspoint24.com/newsdesk/

जयपुर ।  शहर में सिलसिलेवार बम धमाके करने वाले अभियुक्तों को फांसी की सजा सुनाने वाले विशेष न्यायालय के तत्कालीन न्यायाधीश अजय कुमार शर्मा ने आतंकियों से जान का खतरा बताते हुए डीजीपी को पत्र लिखा है। 

पत्र में कहा गया कि वह गत 31 जनवरी को रिटायर्ड हो चुके हैं। पिछले कुछ दिनों से उनके घर के बाहर संदिग्ध गतिविधियां हो रही हैं। कुछ लोग मोटर साईकिल पर उनके घर के बाहर चक्कर काटते हैं और कई बार इन लोगों ने मोबाइल से फोटों भी खिचें हैं। फिलहाल उन्हें पांच पुलिसकर्मी और दो पीएसओ मिले हुए हैं। उन्हें सूचना मिली है कि पुलिस लाइन के अधिकारी उनके गार्ड और पीएसओ को हटा रहे हैं। पत्र में कहा गया कि मेरा सिर्फ इतना कसूर है कि मैंने चार खूंखार आतंकवादियों को मौत की सजा दी है।

इसके अलावा मेरी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि मैं निजी तौर पर सुरक्षाकर्मी रख सकूं। ऐसे में मेरी और मेरे परिवार की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है। गुप्तचर विभाग की रिपोर्ट से भी प्रतीत होता है कि आंतकवादी गुु्रप अपने साथियों को दी गई सजा का बदला ले सकते हैं। पूर्व न्यायाधीश ने चिंता जताई की पूर्व में न्यायाधीश नीलकण्ड गंजू ने वर्ष 1984 को आंतकी मकबूल भट्ट को मौत की सजा सुनाई थी। जिसके चलते आतंकवादियों ने 2 अक्टूबर 1989 को गंजू को सरेआम मार दिया था। 

गौरतलब है कि 13 मई 2008 को हुए सीरियल बम ब्लास्ट में करीब 71 लोगों की मौत हुई थी। वहीं 180 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। बलास्ट के 11 साल बाद विशेष अदालत ने 4 आरोपियों को 18 दिसम्बर 2019 फांसी की सजा सुनाई थी। फैसला देने वाले जज अजय कुमार शर्मा ने मोहम्मद सैफ, सरवर आजमी, सलमान और सैफुर्रहमान को बम ब्लास्ट का दोषी करार दिया था। वहीं मुजाहिद्दीन के नाम से धमाकों की जिम्मेदारी लेने वाले आरोपी मोहम्मद शहबाज हुसैन को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था। 20 दिसम्बर 2019 को इन चारों आरोपियों को फांसी की सज़ा सुनाई गई थी। चारों जयपुर सेंट्रल जेल में हैं।

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