शहीद सीओ के वायरल पत्र पर जांच के दायरे में आये डीआईजी अनंत देव

शहीद सीओ के वायरल पत्र पर जांच के दायरे में आये डीआईजी अनंत देव

Newspoint24.com/newsdesk/

कानपुर । चौबेपुर कांड मामले में बराबर अलग-अलग बातें निकल कर सामने आ रही हैं। इन्ही में एक पत्र वायरल हुआ जिसको शहीद सीओ देवेन्द्र मिश्रा ने मार्च माह में लिखा था। इसके साथ ही एक ऑडियो भी वायरल हो रहा है। इन दोनों में कानपुर के तत्कालीन एसएसपी और वर्तमान में एसटीएफ डीआईजी अनंत देव पर आरोप है कि उन्होंने सीओ की बातों को गंभीरता से नहीं लिया। मामला शासन तक पहुंचने पर सूत्र बताते हैं कि डीआईजी अनंत देव की भूमिका की जांच होगी।

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चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरु गांव में गुरुवार की रात पहुंची पुलिस टीम पर हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और उसके साथियों ने हमला कर दिया था। इस हमले में बिल्हौर सीओ देवेन्द्र मिश्रा, शिवराजपुर थानाध्यक्ष महेश यादव समेत आठ पुलिस कर्मी शहीद हो गये थे। वहीं सीओ समेत आठ पुलिस कर्मियों को शहीद करने वाले मुख्य अभियुक्त हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने के लिए करीब 25 टीमें लगी हुई हैं। यह अलग बात है कि वह अभी तक पुलिस की पकड़ से दूर है, तो वहीं चौबेपुर कांड में इन दिनों रोजाना नयी-नयी बातें सामने आ रही हैं। हर बातों में या तो राजनेताओं के संरक्षण दिये जाने की बात सामने आती है या तो पुलिस की मिलीभगत की बात सामने आती है। इन्ही में से एक बात ऐसी सामने आयी जिससे प्रशासन से लेकर शासन तक हिल गया। हो भी क्यों न यह बात और कुछ नहीं शहीद सीओ का पत्र है। इस पत्र को तत्कालीन एसएसपी अनंत देव को लिखते हुए सीओ बिल्हौर देवेन्द्र मिश्रा ने लिखा था कि चौबेपुर थानाध्यक्ष विनय कुमार तिवारी और हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के नजदीकी संबंध है। विनय के रहते हुए पीड़ितों को न्याय नहीं मिलेगा और विनय पर कार्रवाई नहीं की गयी तो बड़ी घटना हो सकती है। यह पत्र 14 मार्च को लिखा गया था। इसके साथ ही एक ऑडियो भी वायरल हो रहा है। पत्र और ऑडियो का सूत्रों के मुताबिक शासन ने संज्ञान ले लिया है और वर्तमान में लखनऊ में तैनात डीआईजी अनंत देव की भूमिका की जांच के आदेश दे दिये हैं। हालांकि अभी इस पर आधिकारिक बयान नहीं आया है। बताते चलें लोग सवाल खड़े कर रहे हैं कि जब शहीद सीओ ने मांर्च माह में पत्र लिखा था तो आखिरकार तत्कालीन एसएसपी अनंत देव ने थानाध्यक्ष और हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे पर कार्रवाई क्यों नहीं की। यह भी बताया जा रहा है कि सीओ ने पशु तस्कर और रेप आरोपी को छोड़ने की भी एसएसपी से थानाध्यक्ष की शिकायत की थी।

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