कोरोना: निजामुद्दीन मरकज के बाद पीड़ितों की संख्या में इजाफा , इन्फेक्टेड 2275 , डेथ 72

कोरोना: निजामुद्दीन मरकज के बाद पीड़ितों की संख्या में इजाफा ,  इन्फेक्टेड 2275 , डेथ 72

खबर एक मिनट में
राजधानी के निजामुद्दीन स्थित मरकज में तब्लीगी जमात में शामिल लोगों में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े
प्रधानमंत्री दिया निर्देश हॉटस्पॉट का युद्ध स्तर पर पता लगाये, राज्यों से कहा कि वे सभी जरूरी एहतियात बरतें क्योंकि कुछ देशों में यह वायरस दोबारा पैर पसार रहा है।
दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के एक वरिष्ठ चिकित्सक भी कोरोना से संक्रमित

न्यूज़ पॉइंट24 /न्यूज़ डेस्क
नयी दिल्ली। दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज में तब्लीगी जमात में शामिल लोगों के बड़ी संख्या में कोरोना वायरस (कोविड-19) से संक्रमित पाये जाने के कारण देश में इसके पीड़ितों की संख्या पिछले तीन दिन में काफी तेजी से बढ़ी है और गुरुवार को संक्रमितों की संख्या 2275 तक पहुंच गयी तथा इसकी चपेट में आकर अब तक 72 लोगों की मौत हो गयी है।
देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) के कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2275 हो गयी और मृतकों की संख्या 72 हो गयी है। राजधानी के निजामुद्दीन स्थित मरकज में तब्लीगी जमात में शामिल लोगों में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं। वहां के 108 संक्रमितों के मामले केवल दिल्ली में सामने आने से इस महामारी से पीड़ितों का आंकड़ा 293 तक पहुंच गया है।
महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 19 हो गयी है, जबकि 81 नये मामले सामने आने से राज्य में इस घातक विषाणु से प्रभावितों का आंकड़ा 416 पहुंच गया है।


अधिकारियों ने बताया कि राज्य में सामने आये नये मामले में मुंबई के 57, पुणे और अहमदनगर के नौ-नौ, ठाणे के पांच तथा बुलधना का एक मामला शामिल हैं।अधिकारियों के अनुसार राज्य में अब तक कुल 42 लोग इस महामारी से ठीक हुए हैं और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में कोरोना संक्रमण की अत्यधिक आशंका वाली जगहों (हॉटस्पॉट) का युद्ध स्तर पर पता लगाने और संक्रमण के प्रसार पर अंकुश लगाने का आह्वान करते हुए आज राज्यों से कहा कि वे सभी जरूरी एहतियात बरतें क्योंकि कुछ देशों में यह वायरस दोबारा पैर पसार रहा है।
प्रधानमंत्री ने राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों के साथ आज वीडियो कांफ्रेन्स के जरिये कोरोना से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की और इससे निपटने के उपायों पर विस्तार से विचार-विमर्श किया। देश भर में कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन में राज्यों के सहयोग की सराहना करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि साथ ही यह भी महत्वपूर्ण है कि पूर्णबंदी समाप्त होने के बाद राज्यों को धीरे-धीरे इससे बाहर आने के लिए एक समान रणनीति बनाने पर भी काम करना चाहिए जिससे जनजीवन को सामान्य बनाया जा सके।
मुख्यमंत्रियों से जमीनी हालात की जानकारी लेने और उनके सुझाव सुनने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना के हॉटस्पॉट का युद्ध स्तर पर पता लगाया जाना चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि यह वहां से दूसरी जगहों पर न फैले। उन्होंने कहा कि हमारा एक ही लक्ष्य होना चाहिए कि इससे मानव जीवन का कम से कम नुकसान हो। अगले कुछ सप्ताह में सारा जोर जांच, संक्रमण का पता लगाने, प्रभावित लोगों को अलग रखने और उनके उपचार पर होना चाहिए। जरूरी चिकित्सा उपकरणों, दवाओं के निर्माण के लिए जरूरी सामग्री और चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति बनाये रखने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना के रोगियों के लिए अलग से अस्पताल बनाये जाने चाहिए।
इस बीच दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के एक वरिष्ठ चिकित्सक भी कोरोना से संक्रमित पाये गये हैं। वह एम्स के फिजियोलॉजी विभाग में कार्यरत हैं।
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू शुक्रवार को सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के राज्यपालों, उप राज्यपालों तथा प्रशासकों के साथ वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये कोरोना वायरस (कोविड 19) के नियंत्रण और प्रबंधन से जुड़े विषयों पर चर्चा करेंगे। दोनों ने पिछले सप्ताह 27 मार्च को भी कोरोना को लेकर इस प्रकार की समीक्षा की थी।

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